हुनर जाता रहा
हुनर जाता रहा
नज़्मों- ग़ज़लों, शेर-ओ-शायरी से दिलों को लुभाता रहा
इक यही हुनर था मुझमें ये भी जाता रहा।
नज़्मों- ग़ज़लों, शेर-ओ-शायरी से दिलों को लुभाता रहा
इक यही हुनर था मुझमें ये भी जाता रहा।