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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

तेरी ख़ुशबू।

तेरी ख़ुशबू।

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तेरी ख़ुशबू के बारे में क्या कह सकता हूँ, 

तेरे आसपास कभी-भी नहीं आ पाया हूँ।

 

तेरा प्यार कभी-भी हमने पाया ही नहीं था,

तेरी ख़ुशबू को महसूस कर नहीं पाया था। 


आशिक एक दूजे के करीब आते-जाते है, 

पर ये नाकाम आशिक तेरे पास न आया।


आमने-सामने कितनी बार न हम आए थे, 

पर इतना ज़्यादा क़रीब कभी ना आए थे। 


यार मैं कितना ज़्यादा ख़ुशनसीब होता, 

अगर हक़ीक़त में तुम्हारा प्यार पा जाता।


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