तेरी बांहों का बंधन

तेरी बांहों का बंधन

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तुम्हारी बाहों का बंधन, जैसे 

जाड़े मे गुनगुनी सी 

धूप का स्पर्श,

नर्म हवा का मखमली एहसास,

दिल की गहराईयो को रंगते 

प्यार के कोमल रंग,

तुम बासंती बयार, और मैं 

बदली बन तेरे पहलू मे बरसती,

तुम्हारी बाहों मे 

खुद को समर्पित करती,

तरूवर तुम, और मैं 

अमरलता बन जाती,

तुम्हारी साँसों की खुशबू

मेरी साँसों मे समाहित हो,

सरगम के तारो को 

झंकृत करती,

तुम्हारी बाहों मे खुद को 

सबसे सुरक्षित महसूस करती,

मैं

जैसे हर एक पल में 

एक जिन्दगी जीने का 

आन्नद ले खुश होती हूँ।


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