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Sheetal Raghav

Romance

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Sheetal Raghav

Romance

तेरी आंखें : मेरी चाहत!!!

तेरी आंखें : मेरी चाहत!!!

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तेरे बिना,

मेरी इस दुनिया में रखा ही क्या है?


तेरी आंखों के बिना,

इस दुनिया को देखने में मजा क्या है?


तेरा चेहरा ही मेरी दुनिया है,

वरना तो जीने के लिये, 

इस दुनिया में और रखा क्या है?


मेरी दुनिया में,

तेरी आंखों के सिवा रखा क्या है?


तू और तेरा प्यार ही,

मेरी दुनिया है,


वरना,

तेरे बिना इस दुनिया में,

रहने कि मुझे चाहत ही क्या है?


तेरे बिना,

मेरी इस दुनिया में रखा ही क्या है?


तू है तो मैं हूं,

वरना तो मेरा अस्तित्व ही क्या है,


आंखें तेरी,

आईना है, मेरे दिल का,

वरना इन आंखों के बिना,

मेरी दुनिया में रोशन ही क्या है?


तेरे बिना,

मेरी इस दुनिया में रखा ही क्या है?


तू ही मेरी आरजू है,

तू ही जुस्तजू है,

वरना जिंदगी में,

जीने की मुझे तमन्ना ही क्या है?


तेरे बिना,

मेरी इस दुनिया में रखा ही क्या है?


ये उठती है,

तो सुबह मेरे घर में होती है,

ये झुकती है तो,

शाम मेरी ठहरती है,


मेरा हर पल तेरे दम से है,

वरना इस बेजान सी जिंदगी में,

और रखा क्या है?


तेरे बिना,

मेरी इस दुनिया में रखा ही क्या है?



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