तेरे ना होने का गम.
तेरे ना होने का गम.
आज
बहुत रोने का जी करता है
लिपट कर
तेरे आगोश में,
तेरे ना होने से कुछ
खाली खाली सा
रह गया हूं मैं
इन उलझी राहों में,
अब जब साया
खुद ब खुद छूटने को है
और ये यादें
जिन्हें बांध लिया था
मैंने कसकर
बंद मुट्ठी में,
जाने क्यों
खामखां से खाली हो गई,
तेरी याद
जो सजोई थी मैंने
कब से
इस दिल में,
तेरे ना होने से
कहीं गुम हो गई,
अब न होश है खुद की
ना खबर जमाने की,
एक अजीब सी धुंध में
धीरे धीरे घुल रहा हूं,
कतरा कतरा मैं
तेरी याद में
बर्फ सा पिघल रहा हूं,
सांसे भारी हैं मेरी
वक्त भी कम है,
तुम जहां हो
आ जाओ पहलू में
एक बार मेरे,
तेरे ना होने के गम में
ये दिल
दर्द में
रह रह कर
अब बहुत
रोता है......!!!!

