STORYMIRROR

संजय असवाल "नूतन"

Romance Tragedy

4  

संजय असवाल "नूतन"

Romance Tragedy

तेरे ना होने का गम.

तेरे ना होने का गम.

1 min
223

आज 

बहुत रोने का जी करता है 

लिपट कर 

तेरे आगोश में,

तेरे ना होने से कुछ 

खाली खाली सा

रह गया हूं मैं

इन उलझी राहों में,

अब जब साया 

खुद ब खुद छूटने को है

और ये यादें 

जिन्हें बांध लिया था 

मैंने कसकर

बंद मुट्ठी में, 

जाने क्यों 

खामखां से खाली हो गई,

तेरी याद 

जो सजोई थी मैंने 

कब से 

इस दिल में,

तेरे ना होने से 

कहीं गुम हो गई,

अब न होश है खुद की 

ना खबर जमाने की,

एक अजीब सी धुंध में 

धीरे धीरे घुल रहा हूं,

कतरा कतरा मैं

तेरी याद में

बर्फ सा पिघल रहा हूं,

सांसे भारी हैं मेरी

वक्त भी कम है,

तुम जहां हो

आ जाओ पहलू में

एक बार मेरे,

तेरे ना होने के गम में

ये दिल

दर्द में

रह रह कर 

अब बहुत 

रोता है......!!!!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance