तेरे कव्वाली
तेरे कव्वाली
दिल में एक लहर सी उठी है,
इश्क की तलब मुझ को लगी है।
दिल का मयखाना खुला हुआ है,
वादा तुझ को निभाने आना हे,
तेरे हाथों से ज़ाम पीकर हम,
तेरे कव्वाली गाना चाहते है।
तेरे हुस्न का जादू चल गया है,
इंतजार हम कबसे करते है,
तेरे हुस्न में डूबकर के हम,
तेरी कव्वाली गाना चाहते है।
रात इतनी मतवाली आई है,
सुबह होने को अभी बाकी है,
आजा सनम मेरी बांहो में हम,
तेरी कव्वाली गाना चाहते है।
न कर देर अब क्यु सताती है,
मेरी माशूका तुझे बनानी है,
तेरे इश्क में डूब कर "मुरली"
तेरी कव्वाली गाना चाहते है।

