तेरे ही चेहरे में
तेरे ही चेहरे में
तेरे ही चेहरे में दिल अपना बनाया था
कर के भरोसा अपना सब कुछ तुझपे लुटाया था
मैं तो हर रोज तुझे याद करता हूं, रात के अंधेरों में रोता रहता हूं,
मुझे पता है तुम आओगी अब मेरी जिंदगी में लौट कर,
कभी तो आओगी मेरे ख्वाबों में तुम इशलिए हम तेरी तस्वीर से बाते करता रहता हूं
थोड़ा दूर जाने पर बच्चो की तरह रोती थी तुम,
लगा कर सीने से अपने हर बात कहती थी तुम,
साथ दोगी मेरा हर कदम कदम पर ऐसा ही बोला करती थी
तुम, चाहें कुछ भी हो जाए शादी तो आपसे ही करूंगी यार कितना झूठ कहती थी तुम...!!