STORYMIRROR

Vaishnavi Mohan Puranik

Romance

4  

Vaishnavi Mohan Puranik

Romance

तेरे बिना मैं कैसे जिऊं

तेरे बिना मैं कैसे जिऊं

1 min
406

तेरे बिना हैं जीना मुश्किल 

तू ही हैं मेरा सब कुछ 

एक पल की भी दूरी सही ना जाए 

तुझसे ही हैं मेरा वजूद 

तेरे बिना मैं कैसे जीऊँ

कैसे जीऊँ मैं तेरे बिना 


सुबह मेरी तुझसे खिले

शाम मेरी तुझ पे ढले

हर लम्हा गुजरे मेरा तेरे साये तले

तेरे संग जीने में हैं मजा

तेरे बिना हैं जिंदगी एक सजा 

तेरे बिना मैं कैसे जीऊँ

कैसे जीऊँ मैं तेरे बिना 


हर वक्त करुं मैं तेरा जी कर

हर पल मुझे तेरी फिकर

तेरे सिवा आए ना मुझे कुछ नजर 

तुझसे ही हैं मेरे होंठों पे हंसी

तू जो ना हो साथ तो छाए उदासी

तेरे बिना मैं कैसे जीऊँ

कैसे जीऊँ मैं तेरे बिना


धुन - तुम ही हो (आशिकी 2)



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance