भगवान परशुराम
भगवान परशुराम
विप्र समाज का गौरव
भारत वर्ष की पहचान
विष्णु का अंश अवतार
ऐसे तपस्वी महान
जीवन जिनका प्रेरणा
किर्ती जिनकी उज्वल
दसो दिशाए हो रही
रोशनी से उनकी प्रज्वल
सहस्त्र उनके बाहू
फरसा उनका अस्त्र
धरती कांप उठती
जब चलाते वो शस्त्र
रेणुका जमदग्नी पुत्र
ऋषियों में श्रेष्ठ स्थान
तीनो लोक देते
सदा उन्हें सम्मान
अलौकिक उनका तेज
वाणी उनकी प्रखर
क्रोध से सृष्टि कांपती
सब होते थरथर
पुत्र धर्म का आदर्श
वीरों में श्रेष्ठ वीर
पिता आज्ञा खातिर
कांट दिया मां का सिर
वचन पालक मुनी
जीव जगत के आधार
दुष्ट संहार हेतु
धारण किया अवतार
सत्यता की प्रति मूर्ति
भाव सदा निस्वार्थ
प्रेम त्याग वत्सल
मन में न कोई स्वार्थ
युगो तक अमर
पावन उनका नाम
भक्तों के हदय में विराजे
सदा भगवान परशुराम।