STORYMIRROR

Vaishnavi Mohan Puranik

Romance

4  

Vaishnavi Mohan Puranik

Romance

छूटे ना साथ ये कभी

छूटे ना साथ ये कभी

1 min
391

ना बोलूँ मैं ना तू कुछ कहे 

यूं ही हम चलते रहे

छूटे ना साथ ये कभी

टूटे ना ख्वाब ये कभी 


सोचा ना था ऐसा भी होगा

प्यार का फूल यूं दिल में खिलेगा

तू जो मिला सब कुछ मिला 

अब ना किसी से शिकवा गिला

चाहत हैं बस इतनी मेरी

रुठे ना मुझसे तू कभी 

छूटे ना साथ ये कभी 

टूटे ना ख्वाब ये कभी 


तेरे प्यार का हुआ ये असर 

तेरे सिवा आए ना कुछ नजर 

थामकर यूं ही हाथों में हाथ 

जिंदगी भर रहना मेरे साथ

वादा करो मुझसे यही

खोए ना पल ये कभी 

छूटे ना साथ ये कभी 

टूटे ना ख्वाब ये कभी 


धुन - तेरा मुझसे हैं पहले का नाता कोई


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance