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Brijlala Rohanअन्वेषी

Romance Inspirational

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Brijlala Rohanअन्वेषी

Romance Inspirational

तेरा नाम सुकूं रख दूं !

तेरा नाम सुकूं रख दूं !

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तेरी चाहत में सबकुछ भूला के ,

तुझ पे नींद - चैन अपना लुटा के ---

मैं आ रहा हूँ तेरे दिल के भीतर--

मेरे लिए अपने दिल में एक खास जगह और जज्बात रखोगी क्या ?

तेरा नाम सुकूं रख दूं -

तू मेरी सुबह की पहली और निशा की आखिरी मुलाकात बनोगी क्या ?

तुझे दिल में इस तरह है बसाया,

जहाँ भी जाऊँ अब तेरे सिवाय हमें कुछ नहीं है भाया !

तेरी चाहत में ही इधर - उधर भटकूं !

इस भटके हुए मुसाफ़िर की तुम अंतिम मंज़िल और आखिरी तलाश बनोगी क्या ? 

तेरा नाम सुकूं रख दूं --

तू मेरी सुबह की पहली और निशा की आखिरी मुलाकात बनोगी क्या ? -- 2 

तेरी हर अदाएं हैं मुझे भाए,

तू शरारती शायरी बन के मेरे दिल के भीतर तक है समाए ,

तुझे ढूंढ लूं मैं खुद में ऐसी अल्फ़ाज बनोगी क्या ?

तेरा नाम सुकूं रख दूं ---- 2 


@ तर्ज----- तेरा नाम धोखा रख दूं ---



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