तेरा नाम सुकूं रख दूं !
तेरा नाम सुकूं रख दूं !
तेरी चाहत में सबकुछ भूला के ,
तुझ पे नींद - चैन अपना लुटा के ---
मैं आ रहा हूँ तेरे दिल के भीतर--
मेरे लिए अपने दिल में एक खास जगह और जज्बात रखोगी क्या ?
तेरा नाम सुकूं रख दूं -
तू मेरी सुबह की पहली और निशा की आखिरी मुलाकात बनोगी क्या ?
तुझे दिल में इस तरह है बसाया,
जहाँ भी जाऊँ अब तेरे सिवाय हमें कुछ नहीं है भाया !
तेरी चाहत में ही इधर - उधर भटकूं !
इस भटके हुए मुसाफ़िर की तुम अंतिम मंज़िल और आखिरी तलाश बनोगी क्या ?
तेरा नाम सुकूं रख दूं --
तू मेरी सुबह की पहली और निशा की आखिरी मुलाकात बनोगी क्या ? -- 2
तेरी हर अदाएं हैं मुझे भाए,
तू शरारती शायरी बन के मेरे दिल के भीतर तक है समाए ,
तुझे ढूंढ लूं मैं खुद में ऐसी अल्फ़ाज बनोगी क्या ?
तेरा नाम सुकूं रख दूं ---- 2
@ तर्ज----- तेरा नाम धोखा रख दूं ---

