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Anita Chandrakar

Romance

4.4  

Anita Chandrakar

Romance

तेरा मेरा रिश्ता

तेरा मेरा रिश्ता

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तेरा मेरा रिश्ता प्यारा, ज्यों प्यासी धरती और बरसात।

दिनकर बन दुख हर लेते, ज्यों ठहर न पाती काली रात।

जलने लगा प्रेम दीया उर आँगन में, दूर हुआ अंधियारा।

नहीं चाहिए कोई जन्नत मुझे, साथ तुम्हारा अति प्यारा।

प्रेम के अनमोल उपहार से, जीवन मेरा लगा महकने।

छेड़ा तुमने हृदय के तार , लगे मयूर सा पाँव थिरकने।

प्रेम का अर्थ तुमसे ही जाना, मिली ज़िंदगी को नई राह।

काँटों पर चलकर भी प्रिये, छोड़ न पाये मंजिल की चाह।

प्रेम सुधा का सागर है, 'अनु' प्रेम है आँखों का नीर।

अमर प्रेम राधा कृष्ण का, रहे अमर राँझा और हीर।

तेरा मेरा साथ न छूटे साथी, जब तक चले तन में साँस।

थम जाएगी ज़िंदगी मेरी तुम बिन, टूटे न मन की आस।



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