तेरा ही हूं
तेरा ही हूं
तेरा वो हाथ पकड़ कर बोलना
कि फिर कभी छोड़ना नहीं,
तेरा वो गले लगा कर
मन में बस जाना
कि कभी निकलना नहीं,
तेरा वो मुझे बांह में आकर रोना -
कि कभी अलग होना नहीं,
तेरा वो रात रात भर बोलना
कि कभी चुप होना नहीं,
तेरा वो बातों में मीठा घोलना,
कि तू कभी रोकना नहीं,
तेरा वो लड़ाई के बाद बोलना
कि कभी छोड़ना नहीं,
तेरा वो बात छुपा कर दिल तोड़ना
कि कभी फिर करना नहीं,
आखिर में तेरा वो हाथ में
ज़हर ले कर अमृत बोलना
कि कुछ भी छोड़ना नहीं।
