एक तू ही तो है
एक तू ही तो है
एक तू ही तो है जिसको बंद
आंखों से पहचान लेता हूं,
धड़कने मेरी तेरी
आहट को सुना देता हूं,
चाहते मेरी तेरे प्यार की
वास लेता हूं,
इच्छाएं मेरी तेरे सपनों में
झांक लेता हूं,
एक तू ही तो है जिसको मैं अपनी
ज़िन्दगी से ज़्यादा मांग लेता हूं।
चाहे भटकु शहर शहर, फिर भी
तेरी गली का नक्शा छाप देता हूं।
घनघोर बादलों सा गुस्सा मेरा,
फूं कर जाती हो तुम,
यूं बन कर आग तुम,
मुझे अगरबत्ती सा
महका जाती हो तुम।
इस बेसब्र को आशिक़ का
दर्जा दिला जाती हो तुम,
एक तू ही तो है जिसको मैं
अपनी ज़िन्दगी से ज़्यादा मांग लेता हूं।