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Shobhit Trivedi

Abstract

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Shobhit Trivedi

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तुम हो तो मैं रब बन जाऊँ

तुम हो तो मैं रब बन जाऊँ

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तू रुका पानी तो मैं शक्ल बन जाऊँँ

तू आशिकी तो मै ग़ज़ल बन जाऊँ


तू बेरुखी तो मै मिजाज़ बन जाऊँ

तू दिल तो मै जान बन जाऊँ


तू जाम तो मैं शाम बन जाऊँ

तू कविता तो मै लाजवाब बन जाऊँ


तू दर्द तो मै तेरा इंतकाम बन जाऊँ

तू हवा तो मैं पतझड़ बन जाऊँ


तू नाम तो में सरनेम बन जाऊँ

तू हाथ की रेखा तो मै किस्मत बन जाऊँ


तू बारिश तो मै ज़मीन बंजर बन जाऊँ

और अगर हो जाए नफरत मुझसे-2


तो तू तेज़ाब मैं चेहरा बन जाऊँ

और तू ज़हर तो मैं सांस बन जाऊँ।


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