तेरा हौसला ही तेरे काम आएगा...
तेरा हौसला ही तेरे काम आएगा...
यूँ थक कर मत हार मुसाफिर,
चलना तेरा काम है।
मायूसियो की दीवारों से घिरा
देख केवल एक विराम हैं,
बुला रही है तुझे, अनगिनत किरणें रोशनी की,
तेरे लिए ही तो कुदरत का हर पैगाम है।
तू चलेगा तो चलेगी संग दिशाएं भी,
मन असीम उत्साह से भर जाएगा
तेरा हौसला ही तेरे काम आएगा।
तू तो बैठा हैं बस यूँ ही,
अपने मन को मारकर,
क्या पा लेगा गंतव्य को अपने?
ज़रा अपने मन में विचार कर,
अपने मन की बंजर भूमि में जब तू आशाओं के दीप जाएगा,
लहलहाएगा फिर आंगन तेरा
खोया विश्वास फिर से लौट आएगा,
तेरा हौसला ही तेरे काम आएगा।
जो गुजर गया, उसकी पऱवाह कैसी?
जो शेष हैं वो भी कम तो नहीं
जिसने दम तोड़ा, एक उम्मीद ही थी...
मिलेंगे आगे रास्ते बहुत, तू चल तो सही।
दुनियां का दस्तूर यही है,
जो आया है, वो जाएगा,
हो रिश्ता कितना भी गहरा,
एक दिन छुट ही जाएगा,
तेरा हौसला ही तेरे काम आएगा ।
करलें खुद से बंदगी,
खुद अपनी उम्मीदों के साथ चल,
दुनिया का मंजर है कठिन बहुत
थाम ले अपने को,
और दिन -रात चल,
देखना एक दिन अपने बल पर,
तू नाकामियों से जीत जाएगा
तेरा हौसला ही तेरे काम आएगा।
