तन्हा दिल
तन्हा दिल
तन्हा है तो गम ना कर,
ये दौर हैं, वो जो सबके जीवन में आता हैं।
अपनी मंजिल, पर आशाओं का दिया,
हमें खुद ही जलाना होता हैं।
अगर आस हैं, मन में किसी को पाने की,
तो मेरे दिल उदास ना हो,
खुद ही ठहर जायेगा जो अपना हैं,
रुख़सत हो जायेंगे वे,
जिन्हें चले जाना होता हैं।
तन्हाई एक नाम है,
लेकिन ये हमारे लिए,जीवन का एक पैगाम है,
यहाँ सब मिलकर भी खो जाता है,
तेरे पास तो पाने को उम्र तमाम है।
आ हिसाब लगाय
े जरा मिलकर,
क्या खोया हमने, क्या पाया
लेकिन इस खोने के डर से
काम कितने तू ना कर पाया।
तन्हा हैं, अगर तू तो,
इस तन्हाई को स्वीकार कर,
करलें खुद से बंदगी,
फिर ना अब किसी और का इंतजार कर।
सूनी है गर राहें तेरी,
अपने सपनों से प्यार कर
मंजर खुद -ब-खुद बदल जायेगा,
बस थोड़ा इंतज़ार कर।
तन्हा हैं तू आज जरूर,
लेकिन वो वक्त भी आयेगा,
होगी पूरी दिल की हर आरजू तेरी,
जमाना सिर झुकायेगा।