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सवाल

सवाल

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जब किसी लड़की की शादी तय हो जाती है, तो हज़ारों सवाल उसके मन में होते हैं।

वो ये सोचती है , कल्पना करती रहती है, कि परिवार कैसा होगा,सब लोग क्या मुझे मायके जैसा प्यार देंगे ? और वो ख़्यालो मे खोई कल्पना कर रही हैससुर की बेटी बन जाऊँगी, सास की लाडली कहलाऊँगी । छोटी बहन सी ननद होगी, बड़ी बहन सी जेठानी होगी । इक छोटा देवर होगा, दोस्त जैसा तेवर होगा । घर को मैं मन्दिर बनाऊँगी, सब के दिलो मे बस जाऊँगी।

ऐसा दिन कभी ना आए, कोई मुझे अभागन बताए। कभी ना ऐसा वक्त आए सास - ससुर मुझे जलाऐ। दहेज का कोई ताना ना मारे, कोई ना कहे बेटा जना ले( बेटा ही पैदा करो ) सास भी बेटी, ननद भी बेटी, जेठानी भी तो है इक बेटी ।फिर क्यों ना भाए उनको मेरी ग़र पैदा हो बेटी ।

 नहींनहीं ऐसा मै होने ना दूँगी।सब की दूलारी, पति की प्यारी, घर की रानी मै बनूँगी ।बड़ो का मैं सम्मान करूँगी, छोटो से मै प्यार करूँगी। दोस्तो बेटी अपनी हो या पराई। बेटी तो सिर्फ बेटी ही होती है तेरी या मेरी नहीं होती।


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