सवाल है
सवाल है
नादान दिल फकत तुम्हें ही चाहता है।
भुला पाऊंगा ना तुम्हें अब ये सवाल है।।
कितना प्यारा था उसका गुस्सा भरा लहजा।
कब तक तुम खफा रहोगे मुझसे अब ये सवाल है ।।
आंखे तो वैसे ही कातिलाना है तुम्हारी।
कितनों को घायल करोगी अब ये सवाल है।।
हाँ हमें मोहब्बत है तुमसे।
अगर इश्क़ करना खता है तो बतलाओ ना
अब ये सवाल है।।
वक़्त बेवक्त याद तुम्हारी सताती है।
तस्वीर देख जी बहला लिया लेकिन कब तक
अब ये सवाल है।।
अपने कलम की स्याही से हर्फ दे हर्फ
लिख देता हूं पन्नों पर।
तुम पढ़ती भी हो की नहीं अब ये सवाल है।।
दरवाज़े पर तुम दस्तक दो इस फिराक में हूं।
तुम आओगी ना मेरे दर पर अब ये सवाल है।।
कौन अपना कौन पराया महज वक़्त बताता है।
मेरे अपने कितने है अब ये सवाल है।।
हमारी सेहत कुछ ठीक नहीं।
तुम्हारा दीदार कब होगा अब ये सवाल है।।
काजल झुमके जंचती तुम पर और माथे की बिंदी भी।
इतना सादा क्यों रहती हो अब ये सवाल है ।।
मलाल होगा ज़रूर की साथ ना हो सके।
फिर ज़िंदगी के किस मोड़ पर मुलाक़ात होगी
अब ये सवाल है ।।
ज़िंदगी एक उलझन है और ये उलझन
सुलझती चली जाती है।
ताउम्र मेरी साथ इस उलझन को सुलझाना
चाहोगी क्या अब ये सवाल है ।।