ashok kumar bhatnagar

Romance

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ashok kumar bhatnagar

Romance

“सुना हैं”

“सुना हैं”

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सुना हैं उसकी आँखे करिश्माई हैं, 

लोग उसे आँखे भर भर कर देखते हैं। 


चलो हम भी एक बार उसकी आँखों में झांकते हैं ,

और खुद को खुशनसीब बनाते हैं ।


सुना हैं कि उसकी त्वचा बहुत मुलायम है,

रात में चन्द्रमा की रोशनी से उसकी त्वचा झुलस उठती है।


ऐसा है, तो उसके पास चलते हैं,

क्रीम उसके झुलसे गालों पर लगाते हैं,


सुना हैं कि दिन में उसे तितलियाँ परेशान करती हैं,

और रात में जुगनू उसके चारों ओर मंडराते हैं।


अगर ऐसा है, तो चलो, उसके पास चलते हैं,

कुछ तितलियाँ उसके यहां से पकड़ लाते हैं।


चलो एक रात उसके साथ बिताते हैं,

और देखते हैं, अंधेरी रात में उसको, जुगनू की रोशनी में।


उसके गुलाबी होंठों को, उसके हसीन चेहरे को,

और उसकी मस्त जवानी को, हम ध्यान से देखते हैं।


सुना हैं उसकी बातों से फूल झड़ते हैं ,

 अगर ऐसा हे चलो, उससे बात करते हैं।


 उसकी पूजा के लिए उसकी बातों से,

 झड़े कुछ फूल ले आते हैं ।


हम उस रौशनी के साथ ,

अपने अंदर की खोई हुई खुशियों को खोजते हैं ।


सपनों के साथ उड़ते हुए, 

नये उत्साह से भर जाते हैं।


उसकी आँखों की चमक में हमें ,

खुशियों का सच्चा संदेश मिलता है ।


हर नज़र में छुपा उसका जादू ,

हमें आकर्षित करता है।


उसकी वाणी में छिपी हर भावना ,

हमारे दिल को छू जाती है ।


अनुभव कराती है प्यार का ,

उसकी बातों की मिठास ।


उसकी आंखों में चमकता है सितारों का जादू,

हमारा मन उड़ जाता है उसकी ओर ।


खो जाता है उसकी खोज में खोया हुआ,

उसकी मीठी आवाज़ में छिपी हर बात, हर राज़ है।



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