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महेश जैन 'ज्योति'

Inspirational

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महेश जैन 'ज्योति'

Inspirational

सुख

सुख

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रोग हीन तन पहला सुख है, दूजा सुख होना धनवान ,

पत्नि निपुण सुख कहा तीसरा, सुख चौथा सुत हो गुणवान ,

जिसको सुख ये चारों मिलते, समझो कृपा करी जगदीश,

किंतु कभी भी गर्व न करना, खुद को कहना मत बलवान ।



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