सुहाना सफ़र
सुहाना सफ़र
जीवन के इस सागर में कितने ही तूफ़ान आये और चले गए ,
गम –ओ –ख़ुशी के लहरों पर हिचकोले खाए हमने यहाँ कई बार,
चलो समेट ले सारी खुशियों को और चले एक सुहाने सफ़र पर
दो पल की है जिंदगी बचपन से बुढ़ापे तक फिर नई कहानी है ,
और ये दो पल की सुहानी जिंदगी हमें संग –संग बितानी है I
बिछड़ो को अपने करीब लाकर रूठों को हमें फिर से मनाना है ,
कई खुशियाँ बसी है इस जिंदगी में जिनको संजोकर अपनाना है ,
चलो एक नए सुहाने सफ़र पर जहाँ मिलती खुशियाँ हर पहर है ,
हमारा प्यारा अपना परिवार ही हम सबका अनमोल ख़जाना है
इस प्यारे से परिवार को सुहाने सफ़र से मिलकर हमें सजाना है
दो पल की है जिंदगी बचपन से बुढ़ापे तक फिर नई कहानी है ,
और ये दो पल की सुहानी जिंदगी हमें संग –संग बितानी है I
भोर की उस पहली किरण सा मिलकर सभी को मुस्कुराना है ,
उस सुहाने सफ़र में छोड़कर सारे गम पीछे आगे हमें जाना है ,
पंछियों की चहचहाट ,भंवरों की गुंजन जो मन को हमेशा भाती ,
उन सुनहरे पलों को समेटकर अपने सफ़र को हसीन बनाना है ,
चल वहां चलें जहाँ खामोश जिंदगी खिलखिलाकर मुस्कुराती है,
और वो खामोश सी जिंदगी जहाँ खामोशियाँ शोर मचाती है ,
दो पल की है जिंदगी बचपन से बुढ़ापे तक फिर नई कहानी है ,
और ये दो पल की सुहानी जिंदगी हमें संग –संग बितानी है I
आओ मिलकर साथ चले जहाँ कड़वाहट नहीं सिर्फ मिठास घुले ,
चलें सुहाने सफ़र पर संग जहाँ जीवन में बस मिश्री ही घुले,
कुछ लम्हों को अपने लिए संजोकर आज एक सुहाने सफ़र पर चलें ,
जहाँ हो अपनेपन का एहसास बिताएं वो पल खास साथ चलें ,
परिवार को दो पल का समय देकर अपनों पर कर विश्वास चलें ,