Madhu Pradhan

Inspirational

3.9  

Madhu Pradhan

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सरहद के सिपाही (कवी-श्री शिवनारायण जौहरी विमल आयु

सरहद के सिपाही (कवी-श्री शिवनारायण जौहरी विमल आयु

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निशा सुंदरी रजनी बाला 

तिमिरांगन की अद्भुत हाला 


हीरक हारों से भरा थाल ल्रे 

कहाँ चलीं जातीं हर रात

और बेच कर हार रुपहले 

सुबह लौटती खाली हाथ 


पूरा थाल खरीदा मेंने  

चलो आज तुम मेरे साथ

उस सरहद पर जहां पराक्रम

दिखा रहा है अपने हाथ  


बना भीम सरहद का रक्षक

रिपु की गरदन तोड़ रहा है

पहना दो सब हार उसी को 

भारत जय जय बोल रहा है ।




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