मेरे देश की........ बेटी
मेरे देश की........ बेटी
मेरे देश की... बेटी,
तुमको,
हालातों से हार,
नहीं जाना है।
हवसी आंखों का,
निशाना नहीं बनना।
तुमको,
उन आंखों को,
फोड़ के आना है।
मेरे देश की... बेटी
तुमको,
अबला नहीं बनना है।।
अपने हर डर से जीत के,
तुमको आना है।
जो उठे हाथ इज्जत पे,
उनको तोड़ के,
तुमको आना है।।
मेरे देश की...बेटी
तुमको,
औरत नहीं खिलौना,
गंदी सोच भरे दिमागों को,
फोड़ के आना है।।
मरना नहीं असहाय होकर,
तुमको दुश्मन को,
मार के घर को आना है।।