मानो न मानो मरना होगा
मानो न मानो मरना होगा
मानो या न मानो तुम्हे फिरभी करना होगा,
खुद ही कुआँ खोद कर पानी भरना होगा,
बहुत ज़ालिम है सरकार मेरी समझेगी नहीं,
तुम्हें चाहो या न चाहो थोड़ा तो डरना होगा,
बदल डालो खुदको तोड़ कर देखो ख़ामोशी,
वरना एक दिन जीना भी तुम्हारा मरना होगा,
बस पंख हिलाने से कुछ हासिल नहीं होगा,
उस आसमां को इस ज़मी पर उतरना होगा।।