उम्मीद का सिलसिला
उम्मीद का सिलसिला
मानो या न मानो
पर ये बिल्कुल सच है कि
इस कविता में सूरज इसलिए
ताकि ' सुबह ' का एहसास रहे
इस कविता में ख़्वाब इसलिए
ताकि उम्मीद का सिलसिला बने
इस कविता में 'याद' इसलिए
ताकि जीवन में रोमांच मिले
इस कविता में ' आग ' इसलिए
ताकि सबको परम सुख मिले
इस कविता में 'आवाज़ ' इसलिए
ताकि जागते रहो की मुनादी मिले
इस कविता में संतोष इसलिए
ताकि सबको भरपूर सुख मिले
इस कविता में सिटिजन इसलिए
ताकि सच्चे अच्छे को अधिकार मिले
इस कविता को मानो
या न मानो पर ये सच है कि
इस कविता में 'चुनाव ''इसलिए
ताकि 'प्रजातन्त्र ' की याद रहे
