सर्दी का मौसम
सर्दी का मौसम
सर्दी का मौसम और रुहानी शाम
गर्म चाय की प्याली और उनका साथ।
नुरानी चेहरे में खिलखिलाती हँसी,
ना जाने वो कब दिल में उतर गई ।।
बातों का सिलसिला यूँ ही चलता रहा,
कब बीत गया घंटो का सफ़र पता ना चला।
चाय से भी मीठी उनकी बातें,
दिल से ,दिल को घायल कर गयी ।।
टिमटिमाती रौशनी और ये सर्द हवा,
खट्टी-मीठी यादों का चलता सिलसिला,
दिलों की बातें कब ज़ुबा पर आ गई,
दोनों को ये पता ही ना चला ।।
ये बेपनाह मोहब्बत ही है उनका
आँखो के अश्क़ को हँसी से छुपाते रहे,
दूर बैठे थे मगर दिल पास आते गए,
इस बार उनसे मिलना ग़ज़ब हो गया ।।
काश! ऐसा होता ये वक़्त यही ठहर जाए,
पर ये वक़्त कब रुका है, जो अब रुकेगा।
चाहे ये मौसम हो गर्मी या हो सर्दी का
अब उनसे दूर जाना दिल को खल गया ।।
सर्दी का ........,..........

