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मिली साहा

Abstract

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मिली साहा

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सप्ताह के सात दिन

सप्ताह के सात दिन

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सप्ताह के सात दिन, 

जीवन अधूरा इनके बिन।


एक सप्ताह के दिन होते सात

हर दिन होता अपने आप में खास

हर दिन की अलग-अलग कहानी है

अलग-अलग है बात,

सप्ताह का पहला दिन है सोमवार,

आराम के बाद काम के लिए हो जाओ तैयार,

सोम(चंद्रमा) से इस दिन का संबंध होता है,

भगवान शिव का यह दिन होता है,

सप्ताह की होती है इससे शुरुआत,

इस दिन की सबसे अलग है बात।


दिन दूसरा आता है मंगलवार,

मंगल ग्रह के नाम से इस दिन का नाम पड़ा है,

हनुमान जी का यह दिन बड़ा है,

इस दिन सुस्ती थोड़ी कम हो जाती है,

काम के प्रति भी पूरी स्फूर्ति आ जाती है।


फिर बुधवार सप्ताह का तीसरा दिन आता है,

बीच मझधार में हर इंसान फंस जाता है,

ना मिलती छुट्टी और ना ही आराम कर पाता है,

बस कोल्हू के बैल की तरह काम करता जाता है,

बुध ग्रह का इस दिन से नाता होता है,

श्री गणपति जी का यह दिन होता है।


अब बारी चौथे दिन की जो है हमारे गुरुवार,

एक और नाम है इस दिन का वो है बृहस्पतिवार,

जो बृहस्पति ग्रह के नाम पर रखा गया है,

भगवान विष्णु का यह दिन सबको ही भाया है,

वीरवार भी इस दिन को कहा जाता है,

गुरु बृहस्पति को उस दिन पूजा जाता है,

इसलिए बृहस्पतिवार को गुरुवार भी कहा जाता है,

विद्या के लिए यह दिन उत्तम माना जाता है।


सप्ताह का पाँचवाँ दिन है आता,

जिसे शुक्रवार है कहा जाता,

इस दिन इंसान थोड़ा-सा आलसी हो जाता है,

बस छुट्टी का इंतजार करते-करते काम करता है,

बच्चों के लिए इस दिन का विशेष महत्व होता है,

क्योंकि स्कूल में सप्ताह का आखरी दिन होता है,

मां दुर्गा का यह दिन विशेष होता है,

संतोषी मां का व्रत भी इस दिन किया जाता है,

शुक्र ग्रह के नाम पर इस दिन का नाम रखा है,

दान के लिए भी यह दिन विशेष माना गया है।


शनिवार होता है सप्ताह का छठा दिन,

किसी किसी को ही छुट्टी मिलती है इस दिन,

कोई घर में आराम करता है,

तो कोई रविवार का इंतजार करता है,

पर पूरा आराम नहीं इस दिन मिल पाता है,

पूरे सप्ताह जो नहीं कर पाए घर का काम,

वो सब भी शनिवार को पूरा करना होता है,

यह दिन शनि देव का प्रधान दिन होता है,

लेकिन हनुमान जी को भी इस दिन पूजा जाता है,

शनि ग्रह के नाम पर इस दिन का नाम है,

रविवार का इंतजार करना इस दिन हमारा काम है।


अब आता है सप्ताह का अंतिम दिन रविवार,

इसका रहता है सबको बेसब्री से इंतजार,

यह सप्ताह का सातवां दिन होता है,

हर इंसान इस दिन आराम फरमाता है,

छोड़ कर सारे काम चैन की नींद सोता है,

छात्रों को इस दिन बड़ा मजा आता है,

क्योंकि दोस्तों के साथ खेलने का,

उन्हें पूरा अवसर मिलता है,

इस दिन को भगवान सूर्य का दिन माना गया है,

सूर्य के नाम पर ही इस दिन का नाम रखा गया है।


तो यह थे सप्ताह के पूरे सात दिन,

जीवन रोचक ना हो पाता इनके बिन,

दिन ना होते तो दिन का इंतजार ना होता,

आराम कैसे करते जब रविवार नहीं होता।


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