सपनों के कमल
सपनों के कमल
इन झील सी नीली आँखों में
सपनों के कमल खिलने दो !
जो है लक्ष्य जीवन का तुम्हारा
उसको अवचेतन में पलने दो !
जो है उत्साह का भाव उसे
अपने कर्म भाव से निखरने दो !
माना कि धूप बहुत है आज
पर तुम खुद को थोड़ा जलने दो !
कई बार संघर्ष की घड़ियों में
घनघोर उदासी छाएगी
कई बार विपत्ति चहुँ ओर से दुःख को लाएगी !
ऐसी विकराल परिस्थितियों में भी,
अपने विश्वास के भाव को न ढलने दो !
तुम हो परम् आत्मा का ही अंग
अपने साहस को किसी भी कीमत पर न टलने दो !
सपने केवल सपने नहीं वह सच्चाई है कल की
तुम संघर्ष लगन मेहनत के बल से
उन्हें सत्य में ढलने दो
आशा का दामन न कभी छोड़ो इस आशा की
उजली किरन को अपने भीतर फलने दो !
सपने हैं तो आशा है आशा है तो जीवन है
इस भवसागर में सपनों की नाव को चलने दो !
