सपने
सपने
हरदम साथ रहा वो पर अब ना जाने क्यों
रात को अब सपनों में आने लगा क्यों
कभी लगता कि सपना है टूट जायेगा
हर अपना दूर मुझसे छूट जायेगा
बस नहीं मेरा अपने सपनों पर
पता है कि एक दिन तू मुझसे रूठ जायेगा
जिस दिन कोई ना देगा साथ मेरा
उस दिन तेरा सपना मेरा साथ निभाएगा

