सफर 2020
सफर 2020
सन् 2020 का सफर पूरा हुआ।
पर इस वर्ष हर कार्य अधूरा हुआ।
कोरोना ने आकर कहर ढाया था।
सरकार ने भी पाबंदी लगाया था।
शहरों से मजदूर घर को निकल पड़े थे।
पैदल, साइकिल, रिक्शा से ही चल पड़े थे।
बंद थी दुकानें, शहर सुनसान थे।
सड़कों पर केवल पुलिस के जवान थे।
मंदिर-मस्जिद में लग गया ताला था।
कोरोना ने हाल बेहाल कर डाला था।
हे! ईश्वर अब इस संकट से उबार दो।
इस नये साल में नव सुख का उपहार दो।
संकट न आये कभी ऐसा अब जग में।
सुख से रहें हम सब अपने वतन में।