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Anita Koiri

Abstract Tragedy Classics

4  

Anita Koiri

Abstract Tragedy Classics

सफेद खून

सफेद खून

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लाल आकाश के नीचे सफेद

होते लोगों के खून

कई लाख कोविड से मरते


कई हजार नदियों में सड़ते

लोगों के हाय दिल न पसीजे

क्या विभत्स वह मंजर बनते


सदियों तक न भूलाए भूलेंगे

उधर बम गोले है चलते

मासूमों को देख कर सीने है फटते


लोग मर रहे हैं कभी रोग से

लोग मारे जा रहे हैं बम गोले के वेग से

सब देख ऊपरवाला सोचे

इंसानों के शरीर का खून हाय सफेद हो गया

मेरी क्या गलती थी कि मैं इंसान बना गया।


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