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Arunima Bahadur

Action Inspirational

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Arunima Bahadur

Action Inspirational

सोना परी

सोना परी

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आज सुनाऊँ बच्चों तुमको, परियों की कहानी।

इस कहानी में न कोई राजा और न कोई रानी।।


एक थी एक नन्ही परी, सोना परी वह कहलाती।

दूर गगन में भर उड़ाने, पर पीड़ा हरने वो जाती।।


छोटे छोटे बच्चे लगते, उसको बहुत ही प्यारे।

बच्चे ही तो दुनिया मे, लाते सदा ही उजियारे।।


आज पहुँची सोना परी, बच्चो के ही बीच मे।

सींचने प्यारी प्यारी बाते, आज उनकी नींव में।।


खेल खेल में, बच्चो को वो, अच्छी बातें सिखलाती।

प्यारे प्यारे उपहारों से भी, उनकी दुनिया सजाती।।


देखा, उसने, कुछ बच्चे तोड़ रहे थे एक घोसला।

समझ का बीज, कुछ यहाँ था ज्यादा ही खोखला।।


कहा फिर सोना परी ने, जाओ घोसला बनाओ।

किसी जीव को बच्चो, न फिर कभी सताओ।।


देखो जब टूटता खिलौना तुम्हारा, कितना तुम रोते।

माता पिता बिन ये बच्चे भी, कितना है बिलखते।।


बच्चे जब प्रयास कर, न बना पाए रक घोसला।

पंछी की मेहनत पर, तब उनको आया भरोसा।।


आज सब बच्चे, जीवो पर प्रेम और दया बरसाते।

नन्हे नन्हे कदम भी, वसुधैव कुटुम्बकम सजाते।।


ऐसी ही सोना परी, स्वप्न्न लोक में विचरती।

बाल मन मे, प्यारे प्यारे संस्कार वो भरती।।


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