संसार तो चलता है,ये वक़्त गुज़रता है,माँ तेरे बिना मुझको,कुछ भी नहीं भाता है
संसार तो चलता है,ये वक़्त गुज़रता है,माँ तेरे बिना मुझको,कुछ भी नहीं भाता है
गाने के ऊपर गाना मेरा गाना सीज़न 4
गीत: संसार है इस नदिया, दुख दुख दो किनारे हैं
फिल्म: रफ्तार
स्वरचित गीत- माँ तेरे बिना मुझको कुछ भी नहीं भाता है
संसार तो चलता है,
ये वक़्त गुज़रता है,
माँ तेरे बिना मुझको,
कुछ भी नहीं भाता है।
संसार तो चलता है,
ये वक़्त गुज़रता है,
माँ तेरे बिना मुझको,
कुछ भी नहीं भाता है।
संसार तो चलता है...
माँ तुझसा नहीं कोई,
सारी इस दुनिया में।
माँ तुझसा नहीं कोई,
सारी इस दुनिया में।
जाने ये हर कोई,
सारी इस दुनिया में।
सारी इस दुनिया में।
माँ तुम जो नहीं जग में,
मुझे जीना न आता है।
माँ तेरे बिना मुझको,
कुछ भी नहीं भाता है।
कुछ भी नहीं भाता है।
कुछ भी नहीं भाता है।
संसार तो चलता है,
ये वक़्त गुज़रता है,
माँ तेरे बिना मुझको,
कुछ भी नहीं भाता है।
संसार तो चलता है...
जीवन ये दुखों का है,
मुश्किल से पलों का है।
जीवन ये दुखों का है,
मुश्किल से पलों का है।
हर सुख में और दुःख में,
माँ तूने संभाला है।
माँ तूने संभाला है।
तुम बिन मुश्किलों से मुझे,
लड़ना नहीं आता है।
माँ तेरे बिना मुझको,
कुछ भी नहीं भाता है।
संसार तो चलता है...
मतलब की दुनिया है,
मतलब का रिश्ता है।
मतलब की दुनिया है,
मतलब का रिश्ता है।
झूठा हर नाता है,
झूठा हर वादा है।
झूठा हर वादा है।
इक प्यार तेरा सच्चा,
नज़र मुझको आता है।
माँ तेरे बिना मुझको,
कुछ भी नहीं भाता है।
संसार तो चलता है,
ये वक़्त गुज़रता है,
माँ तेरे बिना मुझको,
कुछ भी नहीं भाता है।
कुछ भी नहीं भाता है।
कुछ भी नहीं भाता है।