संघर्ष विद्यार्थी का
संघर्ष विद्यार्थी का
तुम्हें क्या लगता है?
आसान होता है,
इतनी सारी असफलताओं के बाद मुस्कुराना..
हाॅं मानतें हैं, कमी रह गई होगी..
पर जब कई रातों की अधूरी नींद सवाल करने लगे तब उसका क्या,
जब आपके कई दोस्त बिछड़ गए हो
उसका क्या?
जब भविष्य की चिंता से आपका सूरत-ए-हाल बदल गया हो उसका क्या?
लड़कों को चिंता बिना नौकरी के रह नहीं सकते वर्ना समाज क्या कहेगा ?
लड़कियों को फिक्र खुद को साबित नहीं कर पाये तो,
इस बात का मलाल ताउम्र रहेगा ।
ये कहना बहुत आसान है कि
मेहनत नहीं कर रहा होगा,
कभी मेहनत से एक साल गुजार कर तो देखो,
कभी असफलता का थप्पड़ खा कर तो देखो,
फिर ये कहते हुए जँचोगे तुम कि,
मेहनत नहीं कर रहा होगा।
ऐसा भी होता है कि शीशे के सामनें भी,
खड़ा नहीं रहा जाता,
वो शीशा चिढ़ाता है और कहता है ,
ओ असफल इंसान कैसे हो?
दिमाग लथपथ सा पड़ा है, दिल जख्मी बड़ा है,
वक्त के थपेड़ो ने शरीर को भी छलनीं किया है ।
पर इतना टूटनें के बाद भी उम्मीद की एक किरण जिंदा है,
हार न माननें वालों के आगे तो मुश्किलें भी शर्मिंदा हैं।
कुछ परिणाम हमें असफल नहीं ठहरा सकते,
न - काबिलियत का ठप्पा हम पर नहीं लगा सकते,
गौर कर तू है मुसाफिर और तू सर्वश्रेष्ठ मंजिल एक दिन पायेगा,
और देखना ये जमाना जो हँस रहा है,
एक दिन तेरे लिए तालियां बजायेगा ॥
