"समय"
"समय"

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मुझे इंतज़ार है -
उस क्षण का जब /बेलगाम
भागते समय में
आदमी पकड़ेगा सम्वेदनाओं
की डोर को
उम्मीद के स्वप्न जीवित हो उठेंगे
मानवता कराहती न
रहेगी किसी कूड़ेदान में
या
किसी की आत्मा यूँ भटकती
न रहेगी कहीं सड़कों पर,
रेल की पटरियों पर
या लावारिस मौतों के घटना स्थल
पर
मुझे इंतज़ार है उस क्षण का
जब एक भी आदमी नहीं मरेगा
आदमी की
संवेदनहीनता से ....!