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रिश्ते मुफलिसी में टूटे हैं अक्सर 'अपना' मानने से इंकार हुआ। रिश्ते मुफलिसी में टूटे हैं अक्सर 'अपना' मानने से इंकार हुआ।
कदम कदम पे कांटे बिछे हैं, चलना नंगे पांव दुश्वार हुआ! कदम कदम पे कांटे बिछे हैं, चलना नंगे पांव दुश्वार हुआ!
जीवन तो दिया , परन्तु जीने का अधिकार नहीं दिया हमको......!! जीवन तो दिया , परन्तु जीने का अधिकार नहीं दिया हमको......!!
जब एक भी आदमी नहीं मरेगा संवेदनहीनता से। जब एक भी आदमी नहीं मरेगा संवेदनहीनता से।
जब एक भी आदमी नहीं मरेगा आदमी की संवेदनहीनता से ....! जब एक भी आदमी नहीं मरेगा आदमी की संवेदनहीनता से ....!