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Amit Kumar

Abstract

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Amit Kumar

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समझ न आये

समझ न आये

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ताक़त वहीं है

जो दिखे तो

मग़र समझ नहीं आये

किसका साथ

कौन दे रहा है

दिखे तो लेकिन

मग़र समझ न आये


आईने भी हमसे

कुछ नाराज़ से यूँ है

पता तो हमें है

मग़र कुछ समझ न आये

तुम फलां मैं फलां

तुम बुद्धिजीवी

मैं मतिभ्रम

जान तो गए है

मग़र अब समझ न आये


यह जो समझ न आये

भला कौन समझाए

यह बात किसी को

समझ न आये...


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