vaishu Patil
Romance Fantasy
यू महकते फूलों सी हँसी तेरी
खुशबू सा महकता आँचल तेरा
बस, रज़ा यही है
इस कदर सम्भाले रखना हमें भी
अपने पास..
ये जो बहाना ह...
कमजोर नहीं हम...
सम्भाले रखना ...
माँ धरित्री ....
न उम्मीद टूटी न सपना सुदर्शन, याद उनकी क्यों आती रहती है रात भर। न उम्मीद टूटी न सपना सुदर्शन, याद उनकी क्यों आती रहती है रात भर।
धूप को वो छांव में तब्दील कर सकता है और दर्द को भी मीठा अहसास में ....! धूप को वो छांव में तब्दील कर सकता है और दर्द को भी मीठा अहसास में ....!
बाहों में जो तुम आई, प्यार का गुलकंद बन गया... बाहों में जो तुम आई, प्यार का गुलकंद बन गया...
चाहत और उलझन हमेशा रहीं साथ में हमारे मगर दिल पर इख़्तियार किसी बात का ना चलता चाहत और उलझन हमेशा रहीं साथ में हमारे मगर दिल पर इख़्तियार किसी बात का ना चलता
विजय की ओर बढ़ते चला वह, करता रहा अपने सपनों का पीछा। विजय की ओर बढ़ते चला वह, करता रहा अपने सपनों का पीछा।
बस एक-दूजे का नाम लिया और हमारे हिस्से का ईश्वर मुस्कुराने लगा। बस एक-दूजे का नाम लिया और हमारे हिस्से का ईश्वर मुस्कुराने लगा।
धुल ना पाये किसी मौसम में, क्या पता कैसे फिसल गये... धुल ना पाये किसी मौसम में, क्या पता कैसे फिसल गये...
तुम तो खुद गुलाब हो मेरे इस जीवन के तुम ही महकाते हो मेरे मन आँगन को। तुम तो खुद गुलाब हो मेरे इस जीवन के तुम ही महकाते हो मेरे मन आँगन को।
तुमसे मिलकर जाना पार्वती सी रानी को उमा से महारानी को गौरी शंकर की कहानी को तुमसे मिलकर जाना पार्वती सी रानी को उमा से महारानी को गौरी शंकर की कहा...
तेरी पुकार ये दिल तक है पहुँची मेरे अब कराऊँगीं ना इंतजार दोबारा ! तेरी पुकार ये दिल तक है पहुँची मेरे अब कराऊँगीं ना इंतजार दोबारा !
मेरी जिंदगी की पहली और आखिरी किताब हो तुम। मेरी जिंदगी की पहली और आखिरी किताब हो तुम।
सितारों की महफ़िल में ख्वाबो की मंज़िल में, हर वक़्त ढूँढ़ती मै तुझे, तू काश! पास हो!! सितारों की महफ़िल में ख्वाबो की मंज़िल में, हर वक़्त ढूँढ़ती मै तुझे, तू का...
मगर खुद तो हुआ, साला साथ हमें भी ले ही डूबा। मगर खुद तो हुआ, साला साथ हमें भी ले ही डूबा।
मेरे सिवा कौन इतना, चाहेगा तुमको। मेरी तरहां कौन इतना, मनायेगा तुमको। मेरे सिवा कौन इतना, चाहेगा तुमको। मेरी तरहां कौन इतना, मनायेगा तुमको।
काश के ये एक बुरा सपना होता, मेरी नींद टूटने से पहले वापस आ जाता।। काश के ये एक बुरा सपना होता, मेरी नींद टूटने से पहले वापस आ जाता।।
हो गया स्वयंवर, तू हो गई है मेरी। उठूं जब सबेरे, केश खुले तेरे। हो गया स्वयंवर, तू हो गई है मेरी। उठूं जब सबेरे, केश खुले तेरे।
कौन अपना पराया विवेचन कठिन ! है "बिरज" बस यहाँ जग हँसाई बहुत। कौन अपना पराया विवेचन कठिन ! है "बिरज" बस यहाँ जग हँसाई बहुत।
एहसास दे पाओगे क्या ? मैं तुम्हारा इन्तज़ार करूँगी मुझसे मिलने आओगे क्या ? . ....... एहसास दे पाओगे क्या ? मैं तुम्हारा इन्तज़ार करूँगी मुझसे मिलने आओगे क्या ...
वो आती थी मुझसे लिपट जाती थी। वो आती थी मुझसे लिपट जाती थी।
तुम्हारे आने से ख़्वाब जागे, बहार सेहरा पे छा गई है तुम्हारे आने से ख़्वाब जागे, बहार सेहरा पे छा गई है