सिपाही सरहद का
सिपाही सरहद का
कैसे कहूं मजबूर हूँ मैं
तुमसे कितना दूर हूँ मैं
लेकिन यहाँ भी रहना है मुझको
यहाँ भी अपना परिवार है
भारत माँ की रक्षा करना
हर बेटे का ख्वाब है।
सिपाही सरहद का.....
ये भी अपना घर ही है
ये भी है अपना परिवार
भारत माँ की रक्षा करने को
हर सैनिक हर समय है तैयार।
सिपाही सरहद है....
लाख कोशिशें कर ले दुश्मन
ये आँखें हमेशा खुली हैं
दुश्मन घुस ना पायेगा इस धरती पर
ये हर सैनिक की दहाड़ है।
सिपाही सरहद का.....
सोच ना सकता है कोई
भारत माँ को आँख दिखाने का
चुन चुन मार रहा है एक एक को
ये भारत देश का वीर जवान है।
सिपाही सरहद का....
घर के अंदर होती कितनी भी लड़ाई
लेकिन किसी के मन मे खोट नहीं
मौका पड़ने पर सब आ खड़े होंगे
सरहद का ऐसा कोई मोड़ नहीं।
सिपाही सरहद का.....