akhilesh kumar

Inspirational

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akhilesh kumar

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सिंहासन खाली होते हैं

सिंहासन खाली होते हैं

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सिंहासन खाली होते हैं

अब भी...

बेटे, भाई, बहू, नाती के लिए

तुम्हारे यानी जनता के लिये 

क्यूं खाली करे कोई सिंहासन

दर्द जब्त करते करते 

मर चुका है

तुम्हारे हिस्से का इंकलाब

तब लूट का इस्तकबाल करो

अपने बाद 

कुनबे को लुटने के लिये छोड़ जाना

अब मान लो कि...

सबसे खतरनाक मौत

मर गए हो तुम

हालांकि उम्मीदें नहीं मरतीं कभी

तो.. उठो... चलो

करधनी में इंकलाब बांध

लड़ते हैं

सिंहासन को

 जनता का मचान बनाने के वास्ते।



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