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Rishabh kumar

Romance

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Rishabh kumar

Romance

सिंदूर

सिंदूर

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तमाम प्रेमिकाओं के आंखों से रिसेलाल लहू,

जो गिर कर फर्श पर बिखर जाती है, या फिर


कहें की शायरों के कलम से निकलती लाल स्याही

जो रूप ले लेती है कोरे पन्ने पर "सिंदूर" का।


मुझे लगता है अंधेरों पर सजने वाली ये लाल रंग,

जो निशानी है सुहागन होने की, ये उन तमाम शायरों


कि लेखनी की हत्या है जो लिखते हैं

जीवन भर अपने महबूब की खूबसूरती पर।


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