लम्हें ये मुलाकात के
लम्हें ये मुलाकात के
1 min
308
लम्हें ये मुलाकात के पल में गुज़र जाएंगे,
जो आज हैं यहां वो कल नहीं नज़र आएंगे।
चुभेंगे हम तुम्हारी आंखों में फूलों की तरह,
कांटे हैं, मगर खुश्बू की तरह बिखर जाएंगे।
साज़िशें बादलों में थी बहुत पहले से,
क्या खबर थी इसी सावन में बिछड़ जाएंगे।
चांद सितारों की ख्वाहिश है न तुम्हें जानां
देखना हम एक दिन आसमां में नज़र आएंगे।
मत कर नुमाइश अपने दर्द की यहां "एहसास",
धीरे धीरे तुमहारे सारे ज़ख्म भर जाएंगे।