सीखने की कोई उम्र नहीं होती...
सीखने की कोई उम्र नहीं होती...
हर व्यक्ति जो कुछ करना चाहता है,
कुछ हासिल करना चाहता है,
वो यह कभी न सोचे कि उसकी सीखने की कोई ये उम्र है,
बहुत देर हो गई,
नहीं ...
याद रखो सीखने की कोई उम्र नहीं होती,
कभी कभी बच्चे अपने हंसी मजाक में हम बड़ों को,
जिंदगी का मोल समझा देते है,
तो कभी कभी कोई विघार्थी अंजाने मे सही,
टीचर को बहुत कुछ सिखा देता है,
इसलिए अगर आपको कभी किसी से कुछ सीखना हो,
तो उसकी उम्र को न देखकर,
उसके अनुभव ओर ज्ञान की प्रशंसा करो,
और उससे कुछ भी सीखने में न हिचकिचाओ,
क्योंकि सीखने की कोई उ
म्र नहीं होती,
बस हमारी मानसिकता हमारी सोच पर हावी हो जाती है,
और हम सोचते है हम इतने छोटे बच्चे से सीखेंगे,
तो कोई क्या ही सोचेगा?
और किसी से कुछ सीखने में छोटा महसूस करने लगते है,
तथापि यह सोच बहुत निंदनीय है,
क्योंकि हर उम्र में जिंदगी के हर पड़ाव पर,
हमें कभी अपने बड़ों से कभी अपने छोटों से,
कुछ न कुछ सीखने को अवश्य मिलता है,
जिसे हमे हंसकर स्वीकार करना चाहिए,
क्योंकि सीखने की न कोई उम्र होती है न कोई जगह,
जहां कुछ सीखने को मिल जाए वही जगह वही वक्त,
वही व्यक्ति हमारे लिए हमारा गुरु बन जाता है।