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chandraprabha kumar

Action Fantasy

4  

chandraprabha kumar

Action Fantasy

श्याम छवि

श्याम छवि

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अमा की काली काली रात,

अमा की सूनी सूनी रात ,

 हो जाती दीपों से उद्भासित ,

अन्धेरे में प्रकाश की किरण। 


श्याम रंग की महिमा न्यारी,

जिस रंग में मिला दो उसे निखारे,

न्याय के लिये श्याम परिधान,

गंभीरता की ताक़त की पहचान। 

  

जित देखूँ तित श्याम छवि है,

श्याम जमुना जल ,श्याम पुतरिया,

श्याम कृष्ण श्याम राम घन श्याम

श्रुति के अक्षर श्याम, दीप लौ श्याम। 


शिवरात्रि श्याम ,जन्माष्टमी श्याम

नव रात्रि श्याम ,श्याम ही सुखद स्वप्न।

श्याम कुन्तल का नागिन सा कबरी भार,

सुन्दरता का जो अनुपम उपमान। 


कारी कारी घटा घन छायी

भीषण गर्मी तपती धरती।

कारे बदरवा की आस लगी,

 काले मेघा बरखा लायें। 


झूम झूम आयें काले मेघा

वर्षा लेकर आयें काले मेघा

घुमड़ घुमड़ कर बरसें मेघा

जलधार बहायें काले मेघा। 


कारी कमरिया पर चढ़े न दूजो रंग 

आबनूस की दारु की मज़बूती 

सबको अपनी महिमा दर्शाये

सबको अपनी चाहत से ललचाये।


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