शुभता-दृढ़ता और सफलता
शुभता-दृढ़ता और सफलता
शुभ व दृढ़ हो संकल्प
तो सफलता है प्राप्त होती।
गहरे पानी में पैठ से
मिलते हैं निश्चित मोती।
कार्य शुभ हो सबके लिए
और हो जग हेतु कल्याणकारी।
स्वार्थ भावना से यह मुक्त हो
सदा रहे ऐसी ही कोशिश हमारी।
दुष्कर कार्य चाहे कितना भी हो
मगर उत्साह ताली है इसकी होती।
गहरे पानी में पैठ से
मिलते हैं निश्चित मोती।
प्रकृति का हर कण हर पल
हर हाल ही रहता है गतिमान।
ग्रह-नक्षत्र ब्रह्मांड के पिण्ड सब
सतत गतिशील रह रहते ऊर्जावान।
गतिशीलता लक्षण है जीवन का
गतिहीनता तो निर्जीवों में है होती।
गहरे पानी में पैठ से
मिलते हैं निश्चित मोती।
जो सतत रत रहता है संघर्ष में
कभी भी नहीं होता है परेशान।
ऐसे व्यक्ति के शुभ कार्य में लगते
सहयोगी जन रूप में खुद भगवान।
संघर्ष के कठिन दौर में हर पल ही
मुस्कान परिश्रमी के चेहरे पर है होती।
गहरे पानी में पैठ से
मिलते हैं निश्चित मोती।