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Sunil Kumar

Tragedy

4  

Sunil Kumar

Tragedy

श्रमिक

श्रमिक

1 min
4

श्रमिक जीवन की भी, 

क्या खूब कहानी है 

तन पर न ढंग का कपड़ा 

न पेट भर दाना-पानी है।


रोजी-रोटी के खातिर 

निस दिन पलायन जारी है

दुःखों से इनका गहरा नाता 

खुशियां तो जैसे बेगानी हैं

श्रमिक जीवन की भी

क्या खूब कहानी है।


हर मौसम की ये मार झेलता 

दुःख-पीड़ा सब हसकर सहता

पर हार कभी न मानी है

श्रमिक जीवन की भी 

क्या खूब कहानी है।



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