श्रम की बूंद
श्रम की बूंद
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भारत के मेहनती किसान
सबको मिलता तुमसे धनधान्य।
धन्य तुम्हारी मेहनत है
करते हैं हम तुम्हें सलाम।
श्रम की बूंद से मिट्टी महका कर
बंजर जमीन उपजाऊ करें।
खेतों में हर तरह की फसल उगा कर
जन जन का यह पेट भरे।
क्या मेहनत का फल पूरा मिलता
घर के फूल का दिल है खिलता।
जाना किसी ने दर्द है इनका
यह जन्- जन के भगवान।
थक कर यूं ना हारो तुम
श्रम तुम्हारी पूंजी है।
जाना दूर बहुत है तुमको
संघर्ष तुम्हारा जीवन।