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Vivek Madhukar

Abstract

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Vivek Madhukar

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प्रार्थना

प्रार्थना

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हे प्रभु, हमारे अंतर्मन से संकीर्णता दूर करो !

हमें शक्ति दो कि हम उदार बन सकें,

अपने विचारों में, अपने कथन में, अपने कर्मों में.

हम बाज आयें परदोष अन्वेषक बनने से,

और बाज आयें स्वार्थपरायणता से.

उतार फेंकें हम आडम्बर और बनावटीपन का चोला,

और मिलें सबसे, रूबरू,

बिना आत्मदया या पूर्वाग्रह के.

हे प्रभु, हमारे मन से संकीर्णता दूर करो !


न हो हममें कोई उतावलापन किसी को परखने में,

समय लें हम हर काम में, विचार कर लें भली-भांति.

हमें शक्ति दो कि हम बन सकें

धीर-गंभीर, स्थिरमना और सौम्य.

हमें सिखाओ कार्यान्वित करना सद्प्रयोजनों को –

पूरी ईमानदारी और निर्भीकता से.

प्रदान करो हमें अंतर्दृष्टि,

सुन सकें हम अंतरात्मा की आवाज़.

हे प्रभु, हमारे अंतर्मन से संकीर्णता दूर करो !


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