ओ मेरे रंगरेज
ओ मेरे रंगरेज
ओ मेरे रंगरेज ओ मेरे रंगरेज
कभी धीमी कभी तेज
बारिश की इन बूंदों से
रंग दे धरती की सेज
ओ मेरे रंगरेज ओ मेरे रंगरेज।
सूखा इसका दिल है,
हर हिस्सा गाफिल है
अपने नूरानी जादू से
कर दे इसको लबरेज
ओ मेरे रंगरेज ओ मेरे रंगरेज।
कैसा यह आलम है
फैला हर पल गम है
आंखें सारी नम है
चाहे स्याह हो या अंगरेज
ओ मेरे रंगरेज ओ मेरे रंगरेज।
है यह कैसा गुरूर
कुछ तो हुआ जरूर
सब पर है चढ़ा सुरूर
चाहे परवेज़ हो या नौखेज
ओ मेरे रंगरेज ओ मेरे रंगरेज।
टुकड़ा टुकड़ा जीता हूं,
रफ्ता रफ्ता बढ़ता हूं
यूं तो खुद भी इंसान हूं
पर इंसा से ही हुआ परहेज
ओ मेरे रंगरेज ओ मेरे रंगरेज
कर दे तू थोड़ी जुंबिश
हो जाए फिर वो बारिश
अमन की उन बूंदों से
कर दे सब जरखेज
ओ मेरे रंगरेज ओ मेरे रंगरेज।